महानदी के तट पर युग युगांतर से विराजित भगवान शिवरीनारायण की पावन धारा में गोपाष्टमी का त्यौहार बड़े ही श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया गया। शिवरीनारायण मठ पीठाधीश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने सुबह 8:30 बजे गौशाला में गौमाताओं की विधिवत पूजा अर्चना की, उन्हें पुष्पमाला, तिलक लगाकर उनकी आरती की गई एवं केला तथा मिष्ठान्न का भोग लगाया गया।
गोपाष्टमी के त्यौहार के संदर्भ में राजेश्री महन्त जी महाराज ने कहा कि- यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष सनातन धर्मावलंबियों के द्वारा कार्तिक शुक्ल पक्ष अष्टमी को मनाया जाता है, इस दिन गौ माता की विधिवत पूजा अर्चना कर भगवान श्री कृष्ण की आराधना की जाती है। जो भी व्यक्ति श्रद्धा, भक्तिपूर्वक इस दिन गौ माता की सेवा करते हैं उन पर उनका आशीर्वाद निरंतर बना रहता है। भगवान श्री हरि गौ माता की पूजा से प्रसन्न होते हैं ।
उन्होंने स्वयं गौ माता की सेवा के लिए मनुष्य का अवतार लिया। श्री रामचरितमानस में लिखा है -विप्र धेनु सुर संत हित, लिन्ह मनुज अवतार।। गोपाष्टमी की पूजा के समय राजेश्री महन्त जी महाराज के साथ मुख्तियार सुखराम दास जी, जगदीश मंदिर के पुजारी श्री त्यागी जी महाराज, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव, मठ मंदिर के साधु संत एवं विद्यार्थी गण उपस्थित थे।