CG Crime : दुर्ग पुलिस को मिली बड़ी सफलता अंतराष्ट्रीय मानव तस्करी एवं धोखाधडी के 03 आरोपियो को मुंबई से किया गिरफ्तार
CG Crime : दुर्ग। भिलाई निवासी प्रार्थी ने सायबर रेंज थाना दुर्ग आकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि लाओस में कम्प्युटर आपरेटर के पद पर अधिक सैलरी में काम कराने का विज्ञापन दिखाकर 02 लाख प्राप्त कर धोखाधड़ी किया गया है।
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उक्त रिपोर्ट पर रेंज सायबर थाना दुर्ग में अपराध क्रमांक 02/2024 धारा 318 (4), 3(5) बी0एन0एस० पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण में प्रार्थी से पुछताछ पर यह तथ्य भी सामने आया कि उसे लाओस में कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर आरोपीयों के द्वारा जहाँ भेजा गया था वहाँ पर जाने के बाद प्रार्थी को स्कैम करने कि ट्रेनिंग 02 दिन तक दिया गया। प्रार्थी द्वारा स्कैम करने से मना करने पर इनके एजेंट ए०डी० अली और जैक के द्वारा एक कमरे में अपने साथ रखे थे। उसका भुगतान भी नहीं करना बताये जाने से प्रकरण में मानव तस्करी से संबंधित धारा 143 (2) बी0एन0एस0 जोड़ी गई है। अपराध की प्रकृति को गंभीरता से लेते हुए तत्काल वरिष्ठ अधिकारियो को अवगत कराकर डीएसपी श्रीमती शिल्पा साहू की नेतृत्व में विवेचना में लिया गया।
पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज, दुर्ग श्री राम गोपाल गर्ग के मार्गदर्शन में पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र शुक्ला के निर्देशन में नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग श्री चिराग जैन व एसडीओपी बालोद श्री देवांश सिंह राठौर, श्रीमती शिल्पा साहू डीएसपी के नेतृत्व में सायबर थाना दुर्ग रेंज के अपराध क्रमांक 02/2024 के आरोपी साजन शेख, रफीक उर्फ रफी एवं महिला आरोपी की पतासाजी हेतु सायबर थाना दुर्ग रेंज के द्वारा आरोपियो के संबध में तकनीकी साक्ष्य, बैंक डिटेल एकत्र कर आरोपी का लोकेशन गोरेगांव मुम्बई एवं आसपास के क्षेत्र का होना पाया गया ।
आरोपी के पतासाजी हेतु देवांश सिंह राठौर एसडीओपी बालोद के नेतृत्व में उप निरीक्षक नवीन राजपुत के हमराह सायबर थाना दुर्ग रेंज से 05 सदस्यीय विशेष टीम बना कर आरोपी पतासाजी हेतु मुम्बई रवाना किया गया। टीम द्वारा गोरेगांव मुम्बई जाकर आरोपियों के मोबाईल नंबर के लोकेशन एवं सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियो की पहचान करने टीम द्वारा कैम्प किया गया तथा आरोपी द्वारा गिरफ्तारी से बचने के लिए एवं अपनी पहचान छुपाने के लिए मुम्बई में अलग अलग लोकेशन बदल कर रह रहे थे। आरोपी साजन शेख एवं रफीक उर्फ रफी को गोरेगांव मुम्बई से रेल्वे स्टेशन भीड भाड ईलाके से दो दिनो तक सतत निगरानी रखकर घेराबंदी कर पकड़ा गया तथा प्रकरण की अन्य महिला आरोपी के घर में छुपा कर रखे थे जहां से काफी परेशानियो से स्थानीय पुलिस की मदद से बाहर निकाला गया एवं थाना गोरेगांव पश्चिम में लाकर गिरफ्तार किया गया। टीम द्वारा स्थानीय थाना गोरेगांव पश्चिम मुम्बई से मदद लेकर रेड कार्यवाही कर आरोपी के कब्जे से घटना में प्रयुक्त 03 नग मोबाईल जप्त किया गया है एवं आरोपी को न्यायिक रिमांड पर भेजा जा रहा है।
प्रकरण मे पुछताछ करने पर यह तथ्य सामने आया कि साजन शेख उम्र 36 वर्ष पता लिंक रोड गोरेगांव एवं सहयोगी महिला विदेश में नौकरी करने का विज्ञापन दिखाकर इच्छुक लोगो को विदेश में नौकरी लगवाने का काम करते थे। जो वर्ष 2022 में VS ENTERPRISES MANPOWER CONSULTANCY PVT.LTD. नामक कंपनी बनाये जो लाईसेंसी नही है। इस कंपनी के माध्यम से गल्फ कंट्री साउदी, दुबई, ओमान, कुवैत में नौकरी लगाने एवं विजा सर्विस देने के नाम पर पैसा लेते है। प्रकरण के प्रार्थी से रफी उर्फ रफीक खान नें ओमान लाओस में कम्प्यूटर आपरेटर का काम बताकर साजन शेख और महिला आरोपी गोरेगांव वेस्ट से मुलाकात कराया। रफीक ने बताया कि वह ENTERPRISES MANPOWER CONSULTANCY PVT.LTD. मे एजेंट का काम करता है। उक्त कंपनी का संचालक साजन शेख और सहयोगी महिला (आरोपी) है। तीनो ने प्रार्थी को विश्वास में लेकर प्रार्थी को लाओस में स्थित गोल्डन ट्राइंगल में GOLDEN LINK SERVICE TRADE COMPANY में कम्प्यूटर ऑपरेटर की नौकरी लगाने का आफर दिया जिसकी सर्विस चार्ज के नाम पर प्रार्थी से दिनांक 11/08/2024 को 50000 (पचास हजार रुपये) रफीक उर्फ रफी खान के फोन नंबर पर यूपीआई ट्रांजेकशन एवं दिनांक 12/08/2024 को 150000 (एक लाख पचास हजार रुपये) रफीक उर्फ रफी खान के बैंक आफ बड़ौदा के बैंक खाते में अपने बैंक ऑफ बडोदा के खाते से ट्रांसफर करवाया गया।
इसके बाद आरोपियों के द्वारा एयर टिकट कर प्रार्थी को थाईलैण्ड होते हुए लाओस भेजा गया। लाओस में जाकर प्रार्थी को गोल्डन ट्रैगल एरिया में ले जाया गया जहां प्रार्थी को कंपनी के मैनेजर से मिलवाया गया जो विदेशी व्यक्ति था जिसे प्रार्थी नही पहचानता है। वहां प्रार्थी को कम्प्यूटर आपरेटर के रूप में काम करने कुछ विडियो दिखाये गये जो सायबर फ्राड (स्कैम) की प्रकृति के थे। प्रार्थी द्वारा उक्त काम नही करने कहने पर प्रार्थी को चार से पांच दिन वहां रोककर रखे थे। प्रार्थी द्वारा आरोपियो को फोन से संपर्क कर काम पसंद नही आने एवं वापस आने के संबंध में बताये जाने पर आरोपियो के द्वारा पुनः एयर टिकट कर लाओस के एजेंट को स्थानीय मुद्रा दिलवाने के बाद भारत लाया गया। इस प्रकार आरोपियो के द्वारा विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर 02 लाख रूपये प्रार्थी से धोखाधड़ी एवं सायबर सलेवरी का काम करना पाया गया। आरोपियो के द्वारा इसके अतिरिक्त और कई लोगो को इस प्रकार का लालच देकर विदेश में भेजे जाने की भी जानकारी मिली है। लाओस में करीब 08 से 10 लोग देश के विभिन्न हिस्सो से फसे होने की बात सामने आ रही है। लाओस एवं थाईलैंड में सायबर गुलामी में फंसे लोगो को बचाने हेतु इस कार्य में लगे आरोपियो पर इंटर पोल के माध्यम से कार्यवाही की जावेगी। [ सायबर स्लेवरी (गुलामी) के अंतर्गत विदेश में नौकरी करना इस वक्त नौजवानो का सपना बन गया है। इसी का फायदा उठाकर कुछ फर्जी कंपनियां भारतीयों को अपना शिकार बना रही है और उन्हे विदेश बुलाकर जबरदस्त सायबर क्राइम करने को मजबूर कर रही है। खासकर कंबोडिया और लाओस के भारतीयों को शिकार बनाया जा रहा है।]
उक्त कार्यवाही में श्रीमान पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज के नेतृत्व में चिराग जैन सीएसपी दुर्ग, देवांश सिह राठौर एसडीओपी बालोद, श्रीमति शिल्पा साहू डीएसपी पुमनि० कार्या० दुर्ग रेंज, उप निरीक्षक नवीन राजपुत रेंज सायबर थाना दुर्ग, प्रधान आरक्षक नीलकमल सलामे, प्रधान आरक्षक राजेन्द्र गिरी, आरक्षक कामेश्वर देशमुख, आरक्षक सुरेन्द्र कटरे, आरक्षक विक्रम सिंह, आरक्षक सालिक राम, आरक्षक वीर नारायण, महिला आरक्षक जयश्री सिंह का सराहनीय योगदान रहा है।
आरोपी के नाम पताः-
1. साजन शेख पिता शहजादा शेख उम्र 36 वर्ष पता लक्ष्मी नगर लिंक रोड गुरूदास टॉवर 10 फ्लोर रूम नं. 1015 गोरेगांव वेस्ट, मुम्बई (महाराष्ट्र)
2. रफी खान उर्फ रफीक खान उम्र 42 वर्ष पता कुर्ला कुरैशी नगर वर्मा सेल रेल्वे लाईन उमरवाडा रूमनं. 19 मुम्बई
3. महिला आरोपी निवासी, मुम्बई (महाराष्ट्र)