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अस्थमा रोगी ऐसे रखें अपनी सेहत का ख्याल

देश में त्योहारों की शुरुआत हो चुकी है। जल्दी ही दीपावली का त्योहार भी दस्तक देने वाला है। लेकिन दिवाली की खुशियों के बीच पटाखों से निकलने वाला धुंआ अस्थमा रोगियों की मुश्किल बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो पटाखों में कई तरह के हानिकारक रसायन मौजूद होते हैं, जो जलने के बाद वातावरण को प्रदूषित कर देते हैं। प्रदूषित वातावरण में सासं लेने से अस्थमा रोगियों के लिए परेशानी पैदा होने लगती है। ऐसे में आइए जानते हैं दिवाली की खुशियों को बरकरार रखते हुए अस्थमा रोगी कैसे अपनी सेहत का ख्याल रख सकते हैं।

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दिवाली पर अस्थमा रोगी ऐसे रखें अपनी सेहत का ख्याल-
इनहेलर रखें साथ-

दीपावली के दिन पटाखे जलाने से हवा में प्रदूषण बढ़ जाता है। ऐसे में अस्थमा रोगियों को अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। अस्थमा अटैक से बचे रहने के लिए बेहतर होगा कि आप दिवाली के आसपास अपना इनहेलर और दवा हमेशा अपने साथ रखें।

व्यायाम करें –
अस्थमा रोगियों के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज अच्छी मानी जाती है। अस्थमा अटैक के खतरे को कम करने के लिए आप रोजाना फेफड़ों को मजबूती देने वाली ब्रीदिंग एक्सरसाइज और योग का सहारा ले सकते हैं। ये अस्थमा की जटिलताओं को कम करके फेफड़ों को मजबूती देने में मदद कर सकते हैं।

मास्क का करें इस्तेमाल-
दीपावली के आसपास घर से बाहर निकलते समय आपको चेहरे पर मास्क जरूर लगाना चाहिए। ऐसा करने से आप वातावरण में मौजूद धूल-मिट्टी के साथ पटाखों से निकलने वाले धुएं से भी सुरक्षित बने रहेंगे।

बिना काम घर से बाहर न निकलें-
दीपावली के दिन अस्थमा रोगी खुद को प्रदूषण से सुरक्षित रखने के लिए घर के खिड़की-दरवाजों को बंद रख सकते हैं। बाहर जाते समय भी कोशिश करें कि चेहरे पर मास्क जरूर लगाएं।

अच्छा खाएं-
दिवाली रोशनी और पटाखों के साथ-साथ मिठाइयों का भी त्योहार है। लेकिन अस्थमा रोगियों को आर्टिफिशियल स्वीटनर और मिठाइयों का सेवन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा अपनी सेहत को अच्छा बनाए रखने के लिए स्वस्थ आहार लेना चाहिए।

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हाइड्रेटेड रहना-
अस्थमा रोगी गुनगुना पानी पीकर कई तरह के जलन पैदा करने वाले पदार्थों सहित विषाक्त पदार्थों को भी शरीर से तुरंत बाहर निकाल सकते हैं। इसके अलावा पर्याप्त पानी पीने से शरीर में पानी की कमी भी नहीं होती और वो हाइड्रेटेड बना रहता है।

कोशिश करें कि पटाखें न जलाएं-
पटाखों के जलने से कार्बन डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर ऑक्साइड जैसी गैसें निकलती हैं जो दमा के मरीजों के लिए खतरनाक हैं।

डेयरी प्रोडक्ट न खाएं-
अस्थमा रोगी दूध और डेयरी प्रोडक्ट खाने से बचें। ये डेयरी प्रोडक्ट फेफड़ों में म्युकस के निर्माण को बढ़ाकर अस्थमा रोगियों की परेशानी को और बढ़ सकते हैं।

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