छत्तीसगढ़
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भीम आर्मी भारत एकता मिशन व भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष समीर घृतलहरे के नेतृत्व में एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
चंदन जायसवाल – सवांददाता, कसडोल
कसडोल। अनुसूचित जाती भीम आर्मी द्वारा एकत्रित होकर बाईक रैली अम्बेडकर चौक से शहीद वीर नारायण चौंक, गायत्री चौक,थाना चौक में शासन, प्रशासन, उच्च् न्यायलय के विरूद जम कर नारेबाजी किया गया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोटे के अंदर कोटा व कोटे के अंदर् क्रिमी लेयर लागु करने के फैसले को पलटने संविधान संशोधन लाने भारत बंद के संबंध में राष्ट्रपति महोदया, भारत सरकार नई दिल्ली, प्रधानमंत्री, भारत सरकार नई दिल्ली, कानून मंत्री ,भारत सरकार नई दिल्ली, चीफ जस्टिस आफ इंडिया सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली, अध्यक्ष,राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग,नई दिल्ली अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग,नई दिल्ली राज्यपाल छत्तीसगढ़,अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कसडोल के नाम से अनुविभागीय अधिकारी कसडोल ऑफिस में ज्ञापन सौपा गया।
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भारत सरकार को निम्न बिंदुओं पर ध्यान आकृष्ट कराना चाहते है
पंजाब राज्य बनाम दविंदर सिंह मामले में आए निर्णय दिनांक 1 अगस्त 2024 के फैसले को पलटते हुए केंद्र सरकार तत्काल संविधान संशोधन लाए। ण्अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के पदोन्नति में आरक्षण मामले को अघोषित रूप से निष्प्रभावी करने वाली सुप्रीम कोर्ट के एम नागराज बनाम भारत संघ निर्णय 2006, जरनैल सिंह बनाम लक्ष्मी नारायण गुप्ता निर्णय 2018 एवं जरनैल सिंह बनाम लक्ष्मी नारायण गुप्ता द्वितीय निर्णय 2022 में आए फैसले एससी एसटी वर्ग के क्वांटिफिएबल डाटा एकत्र करने की पेचीदगियों को खत्म करने हेतु संविधान संशोधन लाया जाए,क्योंकि एससीएएसटी अनुच्छेद 335 के तहत शासित होते हैए जिसके अंतर्गत प्रत्येक शासकीय सेवा के पदों में एससीएएसटी के दावे का प्रावधान है। एम नागराज निर्णय 2006 के बाद एससीएएसटी के दावे का लगातार हनन केंद्र और राज्य की सरकारें कर रही है। जाति एवं जनजाति वर्गों को प्रतिनिधित्व का अधिकार एवं सुविधाएं उनके ऐतिहासिक पिछड़ेपन के कारण मिली हैएना की आर्थिक । एससीएएसटी वर्ग के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप के लिए आय के प्रमाण की जरूरत पड़ती है ।केंद्र सरकार द्वारा सन 2011 में एससीए एसटी वर्गएओबीसी वर्ग के लिए छात्रवृत्ति हेतु ढाई लाख आय सीमा में रखी गई है जिसका संशोधन अब तक नहीं किया गया हैए इसके कारण अनुसूचित जाति जनजाति एवम पिछड़े वर्ग चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के बच्चों को भी छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल पा रहा हैंए अतः इस मामले पर संज्ञान लेते हुए भारत सरकार अनुसूचित जाति जनजाति एवम पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों के लिए आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता को खत्म करें। सन 2000 में लोकसभा में प्रस्तुत करिया मुंडा की रिपोर्ट न्यायपालिका में अनुसूचित जाति जनजाति वर्गों के लिए जजों की नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान करने संबंधीअनुशंसा को लागू करें। वर्गों में क्रिमिनल का प्रावधान बंद करने संबंधी संविधान संशोधन लाया जाए। आयोग के निर्देशानुसार अनुसूचित जाति जनजाति वर्गों के लिए आवंटित पृथक बजट अनुसूचित जाति कंपोनेंट प्लान एवं ट्राइबल सब प्लान की राशि का 100ः लक्षित उद्देश्यों में खर्च करने हेतु कानून बनाया जाए एवं जो भी जिम्मेदार अधिकारी इस कानून को लागू करने में कोताही बरतेए उनके ऊपर दंड प्रावधान करने संबधी कानूनी प्रावधान किया जाए। देश भर के अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में लागू पांचवी अनुसूची अंतर्गत पेसा कानून के दिशा निर्देशों का समुचित पालन किया जाए एवं इस निर्णय के परिपालन में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के ऊपर दंड का प्रावधान किया जाए। 9वी अनुसूची को कानूनी समीक्षा के दायरे से बाहर रखें जाने संबंधी संविधान संशोधन लाया जाए। 2021 से लंबित जातिगत जनगणना अविलंब किया जाए। विशेष वर्गों को बैक डोर से एंट्री देने वाली लैटरल एंट्री केंद्र सरकार तत्काल खत्म करें एवं सरकारी संस्थाओं को बेचना बंद करे। साथ ही निजी क्षेत्र में अनुसूचित जाति जनजाति एवम पिछड़े वर्गो की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु आरक्षण का प्रावधान करने संविधान संशोधन लाए जिसमे मुख्य रूप उपस्थित जिला अध्यक्ष छात्र संघ भीमगरज रात्रे,विष्णु डहरिया, प्रदीप घृतलहरे, रोमी, लाकि, देवेंद्र, यशवंत, प्रभात,सैकड़ों की संख्या में मौजूद रहे
पंजाब राज्य बनाम दविंदर सिंह मामले में आए निर्णय दिनांक 1 अगस्त 2024 के फैसले को पलटते हुए केंद्र सरकार तत्काल संविधान संशोधन लाए। ण्अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के पदोन्नति में आरक्षण मामले को अघोषित रूप से निष्प्रभावी करने वाली सुप्रीम कोर्ट के एम नागराज बनाम भारत संघ निर्णय 2006, जरनैल सिंह बनाम लक्ष्मी नारायण गुप्ता निर्णय 2018 एवं जरनैल सिंह बनाम लक्ष्मी नारायण गुप्ता द्वितीय निर्णय 2022 में आए फैसले एससी एसटी वर्ग के क्वांटिफिएबल डाटा एकत्र करने की पेचीदगियों को खत्म करने हेतु संविधान संशोधन लाया जाए,क्योंकि एससीएएसटी अनुच्छेद 335 के तहत शासित होते हैए जिसके अंतर्गत प्रत्येक शासकीय सेवा के पदों में एससीएएसटी के दावे का प्रावधान है। एम नागराज निर्णय 2006 के बाद एससीएएसटी के दावे का लगातार हनन केंद्र और राज्य की सरकारें कर रही है। जाति एवं जनजाति वर्गों को प्रतिनिधित्व का अधिकार एवं सुविधाएं उनके ऐतिहासिक पिछड़ेपन के कारण मिली हैएना की आर्थिक । एससीएएसटी वर्ग के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप के लिए आय के प्रमाण की जरूरत पड़ती है ।केंद्र सरकार द्वारा सन 2011 में एससीए एसटी वर्गएओबीसी वर्ग के लिए छात्रवृत्ति हेतु ढाई लाख आय सीमा में रखी गई है जिसका संशोधन अब तक नहीं किया गया हैए इसके कारण अनुसूचित जाति जनजाति एवम पिछड़े वर्ग चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के बच्चों को भी छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल पा रहा हैंए अतः इस मामले पर संज्ञान लेते हुए भारत सरकार अनुसूचित जाति जनजाति एवम पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों के लिए आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता को खत्म करें। सन 2000 में लोकसभा में प्रस्तुत करिया मुंडा की रिपोर्ट न्यायपालिका में अनुसूचित जाति जनजाति वर्गों के लिए जजों की नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान करने संबंधीअनुशंसा को लागू करें। वर्गों में क्रिमिनल का प्रावधान बंद करने संबंधी संविधान संशोधन लाया जाए। आयोग के निर्देशानुसार अनुसूचित जाति जनजाति वर्गों के लिए आवंटित पृथक बजट अनुसूचित जाति कंपोनेंट प्लान एवं ट्राइबल सब प्लान की राशि का 100ः लक्षित उद्देश्यों में खर्च करने हेतु कानून बनाया जाए एवं जो भी जिम्मेदार अधिकारी इस कानून को लागू करने में कोताही बरतेए उनके ऊपर दंड प्रावधान करने संबधी कानूनी प्रावधान किया जाए। देश भर के अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में लागू पांचवी अनुसूची अंतर्गत पेसा कानून के दिशा निर्देशों का समुचित पालन किया जाए एवं इस निर्णय के परिपालन में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के ऊपर दंड का प्रावधान किया जाए। 9वी अनुसूची को कानूनी समीक्षा के दायरे से बाहर रखें जाने संबंधी संविधान संशोधन लाया जाए। 2021 से लंबित जातिगत जनगणना अविलंब किया जाए। विशेष वर्गों को बैक डोर से एंट्री देने वाली लैटरल एंट्री केंद्र सरकार तत्काल खत्म करें एवं सरकारी संस्थाओं को बेचना बंद करे। साथ ही निजी क्षेत्र में अनुसूचित जाति जनजाति एवम पिछड़े वर्गो की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु आरक्षण का प्रावधान करने संविधान संशोधन लाए जिसमे मुख्य रूप उपस्थित जिला अध्यक्ष छात्र संघ भीमगरज रात्रे,विष्णु डहरिया, प्रदीप घृतलहरे, रोमी, लाकि, देवेंद्र, यशवंत, प्रभात,सैकड़ों की संख्या में मौजूद रहे
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