मुल्तानी मिट्टी, फायदों के साथ-साथ नुकसान भी जानें
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शुष्क त्वचा: मुल्तानी मिट्टी त्वचा से तेल सोखने का काम करती है, जिससे शुष्क त्वचा वाले लोगों में रूखापन और जलन बढ़ सकती है।
संवेदनशील त्वचा: संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट जरूर करना चाहिए, क्योंकि इससे एलर्जी या जलन हो सकती है।
सर्दी-खांसी के मरीज: मुल्तानी मिट्टी की तासीर ठंडी होती है, इसलिए सर्दी-खांसी से पीड़ित लोगों को इसका इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए।
पैच टेस्ट जरूर करें: मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल करने से पहले अपनी त्वचा पर एक छोटे से हिस्से पर पैच टेस्ट जरूर करें।
गुलाब जल या दही मिलाएं: मुल्तानी मिट्टी के साथ गुलाब जल या दही मिलाकर इस्तेमाल करने से त्वचा को सूखने से बचाया जा सकता है। धूप में न निकलें: मुल्तानी मिट्टी लगाने के बाद सीधे धूप में न निकलें। सीमित मात्रा में इस्तेमाल करें: मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल सप्ताह में 2-3 बार से अधिक न करें।
अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा किसी डॉक्टर से सलाह लें।