ट्रेन में बिना टिकट सफर करने वाले हो जाएं सावधान! अब टीटीई से बच नहीं पाएंगे
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ट्रेनों के टिकट जांच कर्मचारियों, टीटीई को वॉकी-टॉकी दिया गया है। यह कदम यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और समन्वय को सुदृढ़ करने के लिए उठाया गया है। वॉकी-टॉकी उपकरणों की मदद से टीटीई आपातकालीन स्थिति में तुरंत संपर्क कर सकेंगे, जिससे त्वरित सहायता और बेहतर समन्वय सुनिश्चित होगा। इससे आरएसी और वेटिंग टिकट क्लीयर करने में भी मदद मिलेगी। अन्य कोच में बिठाए गए यात्रियों को उनकी आरक्षित सीटों पर बिठाने में सुविधा होगी।
यात्री सेवा तथा सुविधा को और बेहतर बनाने, आपसी समन्वय के साथ सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से अभिनव पहल के तहत ट्रेनों के टीटीई, कर्मचारियों को वॉकी-टॉकी उपकरण प्रदान किए गए हैं। इस उपकरण की सहायता से भनवारटंक घाट सेक्शन व दघोरा-जामगा जैसे नेटवर्क विहीन सेक्शनों में आपातकालीन स्थिति में टीटीई कर्मचारी आपसी समन्वय स्थापित कर जरूरतमंद यात्रियों को बेहतर सहायता पहुंचा पा रहे हैं।
इसके साथ ही ट्रेनों के अन्य कोच में कार्यरत सहयोगी टीटीई स्टाफ आपसी समन्वय स्थापित कर आरएसी, वेटिंग टिकट क्लीयर करने तथा अन्य कोच में बैठे यात्रियों को उनके आरक्षित कोच व सीट में बैठाने जैसी बेहतर सुविधाएं भी सुनिश्चित कर रहे हैं। स्टेशन में मौजूद स्पेशल टीम से सीधे संपर्क स्थापित कर जरूरतमंद यात्रियों को भी हरसंभव सहायता पहुंचाई जा रही।
बिलासपुर-नागपुर-बिलासपुर वंदे भारत ट्रेन के सभी टिकट जांच स्टाफ को वॉकी-टॉकी उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। इसका उद्देश्य ट्रेन संचालन में सुधार लाना और यात्रियों को बेहतर सेवा प्रदान करना है। वॉकी-टॉकी के माध्यम से टिकट जांच स्टाफ एक-दूसरे से तुरंत संपर्क कर सकेंगे, जिससे किसी भी आपात स्थिति में या टिकट जांच के दौरान त्वरित कार्रवाई संभव हो सकेगी। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अनुराग कुमार सिंह ने बताया कि वॉकी-टॉकी के उपयोग से ट्रेन स्टाफ के बीच संचार तंत्र में उल्लेखनीय सुधार होगा। वंदे भारत एक्सप्रेस उच्च गति और उन्नत सुविधाओं के लिए जानी जाती है। इसमें यह नई व्यवस्था यात्रियों के अनुभव को और बेहतर बनाएगी।